सोशल मीडिया पर हमेशा से कुछ न कुछ ट्रेंड होता ही आया है, हालाँकि ट्विटर जन जागरूकता का एक नया आयाम बन कर उभरा है जहां आप सीधे अपने पसंदीदा व्यक्तित्व से तो जुड़ ही सकते है वही इसके अतिरिकत यह आपको अपने अभिव्यक्ति को प्रखर रूप से और लोकतान्त्रिक तरीके से प्रकट करने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है , इसी के चलते आज ट्विटर पर सुबह से एक ट्रेंड नजर आ रहा है जिसमे भारतवासी अपने पोस्ट के माध्यम से हैशटैग लगाकर #modi_rojgar_do और #modi_job_do के नारे लगा रहे है। ध्यातव्य हो कि इस ब्लॉग के लिखते तक इन दोनों हैशटैग में लगभग 5 मिलियन से अधिक ट्वीट किये जा चुके है और यह सम्पूर्ण विश्व में नंबर 1 पर ट्रेंड कर रहा है, तो आइए जानते है क्या है #modi_rojgar_do और क्यों कर रहा है twitter पर ट्रेंड ?
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यह हैशटैग भारत की प्रतिद्वंदी परीक्षाओ को देने वाले युवा बेरोजगारो द्वारा भारत सरकार को की जाने वाली जनसाधारण अपील चेतावनी है। इस हैशटैग का वास्तविक मकसद भारत सरकार की रोजगार नीतियों की आलोचना तथा विभ्भिन संवैधानिक संस्थानों और आयोग द्वारा ली जाने वाली भर्ती परीक्षाओ में पारदर्शिता, समयबद्धता और जवाबदेहिता लाना है।

इसे ट्रेंड करने वाले लोगो में शामिल है – रोजगार परख विद्यार्थी जो विभ्भिन भर्ती परीक्षाओ की जटिल कार्यप्रणाली और संदेहस्पद भर्ती व्यवस्था को लेकर चिंतित है, इसके अतिरिक्त इस हैशटैग को ट्रेंड में लाने वाले लोगो में अभिभावक और “कुछ” जानी मानी हस्तियां भी शामिल है, परन्तु इस ट्रेंड में अधिकांशतः भागीदारी बेरोजगार युवा की ही है।
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#modi_rojgar_do आंदोलन का नेतृत्व कौन कर रहा है ?
हालाँकि इस हैशटैग को ट्रेंड में लाने वाले मुख्य युवा ऐसे वर्ग के है जो SSC (कर्मचारी चयन आयोग) की परीक्षा से समबन्धित है, परन्तु इस हैशटैग ने अपना व्यापक रूप धारण कर लगभग सभी वर्ग के युवाओ का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहा।
#modi_rojgar_do ट्रेंड आरम्भ करने के पीछे सर्वप्रमुख रूप से विख्यात शिक्षाविदो का हाथ है परन्तु इसे इतने बड़े पैमाने पर चलाने का स्त्रोत परीक्षा प्रणाली और सर्कार की अंधव्यवस्था से तंग और हताश हो चुके विद्यार्थीगण हैं। इसे निम्न रूप से देखिये –
- यह शिक्षकों और छात्रों द्वारा एक प्रयास है जो किसी भी तरह से सरकारी नौकरी की तैयारी से संबंधित हैं।
- एसएससी और राज्य परीक्षा में प्रक्रिया में देरी और भ्रष्टाचार।
- निजीकरण की नीति जिसने पर्याप्त रोजगार उत्पन्न नहीं किया है।
- आयोग वास्तविक रोजगार प्रदान करने के बजाय संविदाकर्मियों पर अधिक निर्भर करता है।
- सरकार कभी भी बेरोजगारी के मुद्दे को अपने आप नहीं उठाती है।
वास्तव में SSC व रेलवे परीक्षा प्रक्रिया में देरी के कारण #modi_rojgar_do ट्रेंड कर रहा है, हर साल रिक्तियां कम हो रही हैं।
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ILO (International labour organization) के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में रोजगार की औसत दर 57 प्रतिशत है जबकि भारत की औसत रोजगार दर 47 प्रतिशत है। पड़ोसी देश पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश भी इस मामले में भारत से आगे हैं। पाकिस्तान और श्रीलंका की रोजगार दर क्रमशः 50 और 51 प्रतिशत है। जबकि बांग्लादेश में रोजगार दर 57 प्रतिशत है।
twitter पर ही क्यों ट्रेंड कर रहा है #modi_rojgar_do ?
लोग ट्विटर को अपना प्लेटफार्म इस लिए चुने है क्योंकि आज ट्विटर एक ऐसा सोशल मीडिया साइट है जहां बड़े छोटे सभी राजनीतिज्ञों से लेकर नौकरशाही और हस्तियां नियमित रूप से सक्रीय तरहटी है अतः अपनी आवाज़ को सरकार व नौकरशाही के कानो तक पहुंचाने के लिए इस प्लेटफार्म का प्रयोग किया जा रहा है।

मीडिया जिसे चौथी स्तम्भ का दर्ज़ा दिया गया है, लेकिन ऐसा लगता है कि समाचार चैनल को बेरोजगारी और इसी प्रकार के अन्य आंदोलनों की परवाह नहीं है। उनके पास इस तरह प्रकाशित करने के लिए कुछ अन्य समाचार हैंइसके अतिरिक्त देश न्यूज़ चैनेलो का हाल वर्तमान समय में बहुत अधिक खस्ता है, जहाँ सिर्फ चाटुकारिता ही चल रही है। इतने बड़े पैमाने पर ट्रेंड होने के बावजूद अब तक न्यूज़ चैनल ने अपने प्राइम टाइम में नहीं दिखाया है।
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आशीष कुमार छत्तीसगढ़ से है इन्हे तकनीक, SEO और ब्लॉग्गिंग के क्षेत्र में लेख लिखना पसंद है। आशीष ने कृषि अभियांत्रिकी में स्नातक की उपाधि धारण की है। वर्तमान में हिंदलेख के संस्थापक है और अस्थायी ब्लॉगर के रूप में लोगो की सहायता करने के लिए freelancer के रूप में कार्य भी करते है। आप निम्न सोशल मीडिया प्रोफाइल में जा कर आशीष से जुड़ सकते है-